Agreement between the Government of the United Kingdom of Great Britain and Northern Ireland and the Government of the Republic of India on Co-operation in Science and Technology : New Delhi, 8 January 1996 ... / presented to Parliament by the Secretary of State for Foreign and Commonwealth Affairs by Command of Her Majesty, March 1997.
- Great Britain.
- Date:
- 1997
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Credit: Agreement between the Government of the United Kingdom of Great Britain and Northern Ireland and the Government of the Republic of India on Co-operation in Science and Technology : New Delhi, 8 January 1996 ... / presented to Parliament by the Secretary of State for Foreign and Commonwealth Affairs by Command of Her Majesty, March 1997. Source: Wellcome Collection.
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![(])2 (2) C2) अनुच्छेव ॥ इस करार के ded संविदाकारी पक्षकारों अथवा उनकी एजेंसियों के बीच, जो भी उपयुक्त हो, विशिष्ट सहयोगात्मक कार्यों के ब्यौरे तथा कार्यविधियों को स्थापित करने के लिए व्यवस्था का कार्यान्वयन, किया जाएगा। उपर्युक्त उद्देश्य के लिए ब्रिटेन की ओर से विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यालय, व्यापार और उद्योग विभाग तथा भारतीय पक्ष की ओर से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, एजेंसियों के रुप में नामित होंगे | अनुच्छेद IV इस करार का कार्यान्वयन उपयुक्त निधियों की उपलब्धता तथा दोनों देश में लागू विधियों व विनियमों के अनुसार होगा । इस करार के अंतर्गत सहयोग कार्यो के ख्चों का वहन आपसी सहमति के अनुसार किया जायेगा । अनुच्छेद ४ इस करार के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संविदाकारी पक्षकार निम्नलिखित के लिए उपयुक्त (क्र) (ख) (ग) (2) वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकीय नीतिगत मामलों पर सूचना तथा विचारों का आदान-प्रदानः करार के तहत सहयोग कार्यों एवं उपलब्धियों की समीक्षा तथा विचार-विमर्श और इस करार के कार्यान्वयन के संबंध में नोडल कार्यान्वयन एजेंसियों को परामर्श देना, जिनमें उनके उसके तहत सहयोगात्मक कार्यों का पता लगाने तथा प्रस्ताव करने और उनके कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करने जैसे कार्य शामिल होंगे | | अनुच्छेद Vi इस करार के तहत सहयोग कार्यों से उत्पन्न गैर-स्वामित्व प्रकृति की वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकीय सूचना को परम्परागत माध्यमों के ज़रिये भागीदार एजेंसियों की सामान्य कार्यविधियों के अनुसार किसी भी संविदाकारी पक्षकार द्वारा आम जनता को उपलब्ध कराया जा सकेगा | दोनों देशों की विधियों एवं विनियमों के अनुरुप और ऐसे संगत अंतर्राष्ट्रीय करारों जिनके भारत और ब्रिटेन पक्ष हैं अथवा बनेंगे, उनमें दोनों संविदाकारी पक्ष बौद्धिक सम्पदा अधिकारों अथवा इस क़रार को पर्याप्त एवं प्रभावी संरक्षण तथा उनके न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करेंगे । इस प्रयोजन © के लिए दोनों संविदाकारी पक्षकार यथा आवश्यक एक दूसरे से परामर्श करेंगे |](https://iiif.wellcomecollection.org/image/b32220790_0006.jp2/full/800%2C/0/default.jpg)